जमशेदपुर। भारत का स्टील सिटी कहे जाने वाला जमशेदपुर एक बार फिर एशिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित फुटबॉल टूर्नामेंट 134वें इंडियन ऑयल डूरंड कप की मेज़बानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह लगातार दूसरा साल है जब यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट जमशेदपुर में आयोजित हो रहा है, जिससे शहर में उत्सव जैसा माहौल है।
इस अवसर पर डूरंड कप की तीनों प्रतिष्ठित ट्रॉफियों डूरंड कप ट्रॉफी, रोलिंग शिमला ट्रॉफी और प्रेसिडेंट्स कप को एक्सएलआरआई ऑडिटोरियम में भव्य रूप से प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार थे। उनके साथ झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, डूरंड कप आयोजन समिति के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मोहित मल्होत्रा, और टाटा स्टील के डीबी सुंदरा रामम भी मौजूद थे।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने डूरंड कप को परंपरा, अनुशासन और खेल भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस आयोजन से झारखंड की खेल क्षेत्र में बढ़ती पहचान स्पष्ट होती है। मंत्री रामदास सोरेन ने भी टूर्नामेंट की गौरवशाली विरासत पर प्रकाश डाला और कहा कि झारखंड को इसका हिस्सा बनना गर्व की बात है।
कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों द्वारा संथाली, छऊ, और भांगड़ा नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिसने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
डूरंड कप ट्रॉफियों का शहर में रोड शो भी निकाला गया, जो मैंगो बस स्टैंड, साकची सर्कल, जूस्को सर्कल और बिष्टुपुर चौक से होते हुए जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक पहुँचा। आगामी 8 जुलाई को ट्रॉफी टूर की शुरुआत सुबह 6 बजे जुबली पार्क से होगी और यह टाटा मोटर्स, टाटानगर रेलवे स्टेशन और अंत में पी&एम मॉल में प्रदर्शित की जाएगी।
इस बार जमशेदपुर में चार टीमों की मेज़बानी की जा रही है। जमशेदपुर एफसी, पहली बार टूर्नामेंट में भाग लेने वाली लद्दाख एफसी, इंडियन आर्मी एफटी, और फॉरेन सर्विसेज़ टीम, जिससे प्रतियोगिता को एक अंतरराष्ट्रीय स्वरूप मिल रहा है।
कुल सात मुकाबले खेले जाएंगे, जिनमें से एक क्वार्टर फाइनल भी शामिल है। मैचों की शुरुआत 24 जुलाई से होगी, और अंतिम मुकाबला 17 अगस्त को आयोजित किया जाएगा।