लखनऊ। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का सीज़न अपने चरम पर है, लेकिन लखनऊ के इकाना स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के बीच हुए मुकाबले ने एक अलग ही इतिहास रच दिया। यह सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि क्रिकेट प्रेम और एक खिलाड़ी के प्रति भावनात्मक जुड़ाव का जीवंत उदाहरण रहा।
आमतौर पर यह दृश्य चेन्नई के एम. ए. चिदंबरम स्टेडियम में देखा जाता है, लेकिन इस बार लखनऊ का इकाना स्टेडियम पूरी तरह ‘पीला’ हो गया था। मैदान की हर दीवार, हर होर्डिंग, बैनर, लाइटिंग सब पर सीएसके और महेंद्र सिंह धोनी की छाप थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे लखनऊ एक दिन के लिए चेन्नई बन गया हो।सीएसके के प्रशंसकों ने स्टेडियम को पीले झंडों, थीम लाइट्स और ‘थाला’ धोनी की तस्वीरों से सजाया था। सोशल मीडिया पर इस दृश्य की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए हैं, जहां हर ओर ‘धोनी-धोनी’ की गूंज सुनाई दे रही थी।
इस हाई-वोल्टेज मैच से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि यह महेंद्र सिंह धोनी का आईपीएल में आखिरी मैच हो सकता है। यही वजह थी कि फैंस में उन्हें मैदान पर आखिरी बार देखने की बेचैनी और उत्साह दोनों ही चरम पर थे। लखनऊ चैप्टर के सीएसके फैन क्लब के एक सदस्य ने बताया,हम नहीं जानते कि धोनी फिर खेलेंगे या नहीं, लेकिन हम ये मौका नहीं गंवाना चाहते थे। इसलिए हमने तय किया कि स्टेडियम को ‘थाला’ के सम्मान में पूरी तरह पीले रंग में रंग दिया जाए।
फैंस का कहना है कि यह उनकी तरफ से धोनी को एक श्रद्धांजलि है एक ऐसे खिलाड़ी को, जिसने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया, और जिसने करोड़ों दिलों में अपनी खास जगह बनाई।
धोनी का जादू आज भी बरकरार
भले ही धोनी आज 43 वर्ष के हो चुके हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। इकाना स्टेडियम में लगभग 50,000 दर्शक मौजूद थे, जिनमें से अधिकांश ने सीएसके की पीली जर्सी पहन रखी थी। धोनी के मैदान में उतरते ही स्टेडियम ‘धोनी-धोनी’ के नारों से गूंज उठा। हर चौका-छक्का, हर रन पर जैसे पूरा स्टेडियम उफान पर था।
एक महिला फैन ने कहा, मैं दिल्ली से सिर्फ धोनी को देखने आई हूं। मैंने उन्हें 2011 का वर्ल्ड कप जिताते देखा है और आज उन्हें यहां खेलते देखना मेरे लिए सपना पूरा होने जैसा है।