Tuesday, July 1, 2025
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    जिसने राजस्थान का पानी पिया वह दबाव में कैसे आ सकता है-उपराष्ट्रपति

    जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा क‍ि मैं ना दबाव में रहता हूं, ना किसी पर दबाव बनाता हूं, ना दबाव में काम करता हूं, और ना ही किसी से दबाव में काम करवाता हूं। जिसने राजस्थान का पानी पिया है, वह दबाव में कैसे आ सकता है।

    उपराष्ट्रपति सोमवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व विधायक संघ की ओर से आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने राजनीतिक, संवैधानिक और आर्थिक मुद्दों पर खुलकर विचार रखे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की उस टिप्पणी का सार्वजनिक जवाब भी दिया जिसमें उनके ऊपर दबाव में होने की बात कही गई थी। उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा कि वे मेरे पुराने मित्र हैं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं किसी दबाव में नहीं हूं और ना ही कभी रहा हूं।

    राज्यपाल की संवैधानिक स्थिति पर भी बोले

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल जब राज्य में होता है, तो वह “ईजी पंचिंग बैग” बन जाता है। यदि राज्य की सरकार केंद्र सरकार के अनुरूप नहीं है, तो आरोप लगना आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि अब यह स्थिति उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति तक भी पहुँच गई है, जो चिंतन और चिंता का विषय है।

    देश में नहीं होनी चाहिए दुश्मनी, विपक्ष जरूरी

    वर्तमान राजनीतिक माहौल पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का तापमान और राजनीति का वातावरण लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सत्ता और विपक्ष का स्थान बदलता रहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दुश्मनी पाल ली जाए। हमारे दुश्मन सीमापार हो सकते हैं, लेकिन देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब हम विदेश जाते हैं, तो वहां ना पक्ष होता है, ना विपक्ष, वहां केवल भारतवर्ष होता है। उन्होंने राष्ट्र को दलगत राजनीति से ऊपर बताते हुए कहा कि जब देश की बात आती है, तो राजनीतिक मतभेद समाप्त हो जाते हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।

    भारत की वैश्विक आर्थिक छलांग की चर्चा

    उपराष्ट्रपति ने भारत की आर्थिक स्थिति पर कहा कि आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा की हमने जापान, जर्मनी, यूके, कनाडा, ब्राजील जैसे देशों को पीछे छोड़ा है और दुनिया कह रही है कि भारत ने बीते दशक में सबसे ज्यादा प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भारत की 5000 वर्षों की सांस्कृतिक विरासत अद्वितीय है। “जो भारत पहले कहीं पीछे था, आज वो दुनिया की आर्थिक ताकत बन रहा है। यह किसी एक दल की उपलब्धि नहीं बल्कि पूरे देश की सामूहिक प्रगति का परिणाम है।”

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि सरकार किसानों को दी जाने वाली उर्वरक सब्सिडी सीधे किसानों को दे तो उन्हें हर साल औसतन ₹30,000 से अधिक की सहायता मिल सकती है। इससे वे अपने तरीके से ऑर्गेनिक या नेचुरल खेती जैसे विकल्प चुन सकेंगे। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां एक किसान परिवार की आय आम शहरी परिवार से अधिक होती है।

    इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, राजस्थान प्रगतिशील मंच के संरक्षक हरिमोहन शर्मा एवं कार्यकारी अध्यक्ष जीतराम चौधरी सहित कई पूर्व विधायक एवं विशिष्टजन उपस्थित रहे।

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