Tuesday, June 17, 2025
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    यूपी 51वीं राष्ट्रीय Women’s Handball, championship ने जीता कांस्य पदक

    Women's Handball Championship

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सीनियर महिला हैंडबॉल (Women’s Handball ) टीम ने 15 से 19 मार्च तक वाराणसी में आयोजित 51 वीं राष्ट्रीय सीनियर महिला Women’s Championship में दमदार प्रदर्शन के साथ कांस्य पदक (Bronze medal) जीता। वाराणसी पब्लिक स्कूल में आयोजित इस चैंपियनशिप (Championship) में मेजबान महिला टीम को हरियाणा के साथ संयुक्त तीसरा स्थान मिला । उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के महासचिव डा. आनन्देश्वर पांडेय ने बताया कि यूपी की टीम ने प्री क्वार्टर फाइनल में त्रिपुरा को 26-13 और फिर क्वार्टर फाइनल में पंजाब को 30-18 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।51वीं राष्ट्रीय, सीनियर महिला हैंडबॉल चैंपियनशिप (Women’s Handball Championship) सेमीफाइनल में UP की टक्कर रेलवे की मजबूत टीम से हुई

    मेजबान टीम 17-14 से हार गयी जिसके बाद उसे हरियाणा के साथ संयुक्त कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। रेलवे से निक्की ने 4 जबकि मीनू व प्रियंका ने 3-3 गोल किये। वही मनिका व काजल को 2-2 गोल करने में सफलता मिली। यूपी से सपना और सुप्रिया ने 5-5 गोल जबकि आकांक्षा ने 4 गोल दागे। डा. आनन्देश्वर पांडेय ने उत्तर प्रदेश की टीम को इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बधाई भी दी।

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    (Women’s Championship)

    प्रोजेक्ट प्रगति Project Pragati से मिलेगा लड़कियों को शिक्षा का दूसरा मौका

    Project Pragati डिजिटल मदद के साथ ही प्रोग्राम के स्‍तर पर भावनात्मक मानव-केंद्रित दृष्‍टिकोण के साथ काम करता है।

    नोएडा। एजुकेट गर्ल्स संस्था अगले 10 साल में 10 मिलियन (1 करोड़) लड़कियों को दसवीं कक्षा की पढ़ाई पूरा करने में सक्षम बनाने के विजन के साथ “प्रोजेक्ट प्रगति” Project Pragati लॉन्च कर रही है। ये सरकारी ओपन स्कूल प्रणाली के जरिए स्कूल न जाने वाली किशोरियों और युवा महिलाओं के लिए माध्यमिक शिक्षा को लेकर एक पहल है, जो उन्हें शिक्षा से वापस जोड़ता है। भारत में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 5 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल हैं। भारत में, 15-25 वर्ष की 66 मिलियन (6.6 करोड़) लड़कियों के लिए स्थायी रूप से अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी न करने का जोखिम है।

    दसवीं कक्षा की परीक्षा पूरी करने से लड़कियों को प्रवेश-स्तर की नौकरियों, पारंपरिक लोन, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुंचने में मदद मिलेगी साथ ही इससे वे एक स्वतंत्र और आर्थिक रूप से मजबूत जीवन के लिए आत्मनिर्भरता, विकास और आकांक्षाओं के लिए अपनी क्षमता भी बढ़ा सकेंगी।

    296 दिव्यांगजनों को 462 सहायक उपकरण वितरण किये गये

    दिव्यांगजनों का शादी अनुदान प्रदान करने के लिए शादी रजिस्ट्रेशन शर्त हटायी गयी

    लखनऊ। डॉ. शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों को आयोजित कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने उपकरण वितरण किए गये।

    नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
    इस अवसर पर श्री कश्यप ने कहा की पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रत्येक दिव्यांग सशक्त, स्वाभिमानी और समर्थ बने, इसके लिये केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। दिव्यांगजनों के भरण-पोषण हेतु दिव्यांग पेंशन की अनुदान राशि 300 रूपये से बढ़ाकर 1000 रूपये की गयी है। भविष्य में दिव्यांग भरण-पोषण की अनुदान राशि 1500 रूपये किये जाने का प्रस्ताव है।

    उपकरण वितरित किये

    मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने  में 296 दिव्यांगजनों को 462 सहायक उपकरण वितरित किये। सहायक उपकरणों में 70 मोटरराइज्ड ट्राई साइकिल, 27 ट्राइसाइकिल, 10 बैसाखी, 23 व्हील चेयर, 56 स्मार्टकेन, 56 ब्रेल किट, 200 श्रवण यंत्र तथा 20 एम.आर. किट का वितरण किया गया। उन्होने कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी कराने वाले श्रवण बाधित बच्चों से मुलाकात की। जनपद लखनऊ में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 06 बच्चों का तथा अब तक कुल 37 बच्चों को कॉक्लियर इम्प्लान्ट लगाया जा चुका है।

    इम्प्लान्ट सर्जरी करने वाले सम्मानित

    डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्विद्यालय में कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी हेतु चिन्हित श्रवणबाधित एवं कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी के बच्चों के अभिभावकों तथा इम्पैनल अस्पताल एवं संस्थाओं के डॉक्टर टीम के साथ एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। मंत्री द्वारा कॉक्लियर इम्प्लान्ट सर्जरी करने वाले डॉक्टरों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

    हटी शादी रजिस्ट्रेशन की शर्त

    मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में 32.50 करोड़ रूपये दिव्यांगजों के मोटर राइज्ड ट्राई साइकिल के लिये आंवटित किये गये है। जिससे लगभग 8000 दिव्यांगजों की यात्रा को सुगम बनाया जा सकेगा। उन्होने कहा कि दिव्यांगजों को शादी अनुदान के तहत 35000 रूपये दिये जाते है। इसमें शादी रजिस्ट्रेशन कराने में दिव्यांगजनों को हो रही परेशानी को देखते हुये अनुदान के लिये शादी रजिस्ट्रेशन की शर्त को हटा दिया गया है। उन्होने दिव्यांगजनों से कहा कि डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा में अपनी योग्यता के अनुसार प्रवेश ले। चित्रकूट स्थित जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय का भी संचालन विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसके माध्यम से  दिव्यांगजनो को सशक्त बनाकर समाज में मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा।

    50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित

    डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में समस्त पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 25 प्रतिशत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए तथा 25 प्रतिशत अन्य दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं। इस विश्वविद्यालय में क्रमशः कला एवं संगीत, विशेष शिक्षा, कम्प्यूटर एवं इन्फारमेशन टेक्नोलाजी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य तथा विधि संकाय के अधीन समस्त पाठ्यक्रमों में लगभग 4000 छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं, जिसमें से 1000 दिव्यांग हैं।

    निःशुल्क व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध

    उ0प्र0 सरकार के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त स्ववित्त पोषित योजनान्तर्गत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के अधीन अभियांत्रिकी की पांच विधाओं का संचालन किया जा रहा है। 2022-23 में एम0टेक पाठ्यक्रम की दो विधाओं का भी आरम्भ कर दिया गया है।

    कार्यक्रम में विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण सत्यप्रकाश पटेल, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रोहित सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।

    छात्र-छात्राओं व अध्यापकों ने जीवन पर्यंत नशामुक्त (drugfree) का लिया संकल्प

    सभी छात्र-छात्राओं से अपनी दोस्ती को drugfree रखने और अपने परिवार नशामुक्त बनाने तरीके समझाए।

    लखनऊ। (drugfree) nasha mukt समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ अमृत कलश प्राथमिक विद्यालय भैंसामऊ बीकेटी पंहुचा। जहॉ  छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों ने जीवन पर्यंत drugfree रहने का संकल्प लिया। समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ के ब्लॉक प्रभारी नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि जिला प्रभारी श्री अग्रवाल के प्रतिनिधि अभिषेक अवस्थी ने भैंसामऊ में बच्चों को नशे के अनेकानेक दुष्परिणाम बताए। नशे से होने वाली धनहानि, जनहानि और मानहानि पर प्रकाश डाला।

     प्राथमिक विद्यालय में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों को आजीवन nasha mukt रहने का संकल्प कराया गया। संकल्प सभा में जिला प्रभारी की तरफ से शिक्षकों को अभियान का पटका पहनाकर सम्मानित किया। अंत में सभी बच्चों को अभियान के लालपत्र वितरित किए गए।

    आकाश बायजू Aakash BYJU’S ने लखनऊ में खोला पांचवां कोचिंग सेंटर

    आकाश बायजू (Aakash BYJU'S) ने Lucknow में खोला पांचवां कोचिंग सेंटर

    लखनऊ। इंजीनियरिंग और मेडिकल समेत अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए आकाश बायजू (Aakash BYJU’S Coaching Centre) ने वृंदावन योजना में अपना नया क्लासरूम सेंटर खोला है। यह सेंटर शहर में नीट, आईआईटी जेईई, ओलिंपियाड कोचिंग और फाउंडेशन कोर्सों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।इस नये सेंटर को लांच करते हुए  Aakash BYJU’S Coaching Centre के क्षेत्रीय निदेशक डा. एचआर राव ने बताया कि वर्तमान में देश के 24 राज्यों और केंद्रीय प्रांतों में आकाश बायजू के 325 केंद्रों में यह नया सेंटर विद्यार्थियों को अपने निवास स्थान पर ही गुणवत्तापूर्ण प्रत्यक्ष कोचिंग सेवायें दी जायेगी।

    Aakash BYJU’S कोचिंग कहलों इंपोरियम-2, सेक्टर 12, वृंदावन योजना में है। इसमें 10 क्लासरूम्स हैं और यह एक हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष क्लासेज देंगे। यह सेंटर अपने कनेक्टेड और स्मार्ट क्लासरूम्स द्वारा हाईब्रिड कोर्सों के विद्यार्थियों को भी पढ़ाई करने का बेहतरीन अनुभव देगा। यह राजधानी में आकाश बायजू Aakash BYJU’S Coaching Centre का पांचवां सेंटर है। उन्होंने बताया कि प्रवेश पाने के लिए विद्यार्थी अपनी अंक सूची के साथ पंजीकरण कराके इंस्टैंट एडमिशन कम स्कॉलरशिप टेस्ट (आईएसीएसटी), एसीएसटी में बैठ सकते हैं, या इस साल होने वाले आकाश बायजू की फ्लैगशिप वार्षिक छात्रवृत्ति परीक्षा, नेशनल टेलेंट हंट एग्जाम (एंथे) के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। पिछली बार एंथे की परीक्षा में राजधानी से 35 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था।

     

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    Aakash BYJU’S Coaching Centre

    उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की हुई बैठक

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों एवं शिक्षक विधायक की संयुक्त बैठक संगठन के अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में सेंटीनियल इंटर कालेज में शुक्रवार को सम्पन्न हुई। बैठक में सभी पदाधिकारियों एवं शिक्षक विधायक द्वारा प्रदेश के शिक्षकों की वर्षों से लम्बित समस्याओं के निस्तारण न होने से सरकार एवं शासन के प्रति क्षोभ एवं आक्रोश व्यक्त किया गया।

    उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों को राजकीय शिक्षकों की भांति नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा, वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सामान कार्य के लिए सामान वेतनमान एवं सेवा शर्तें, समस्त वंचित तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण, विद्यालयों में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं के उत्पीड़न की समाप्ति, परीक्षाओं की पारिश्रमिक दरें सीबीएसई के बराबर किये जाने व पूर्व के वर्षों का मूल्याकंन एवं कक्ष निरीक्षण कार्य का बकाया भुगतान तथा विभिन्न प्रकार के वेतन अवशेषो का भुगतान आदि से सम्बन्धित 18 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित कर कार्यवाही की मांग की गयी है।

    संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र ने बताया कि बैठक में निर्णय लिये गये के अनुपालन में दीर्घ काल से लम्बित मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया। इसी के साथ बोर्ड परीक्षाओं के मूल्याकंन में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने तथा बोर्ड पारिश्रामिक के तल्काल बकाये भुगतान की शिक्षा निदेशक (मा0) को भी ज्ञापन प्रेषित किया गया। बैठक में अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, एमएलसी उपाध्यक्ष हेम सिंह पण्डीर, पूर्व एमएलसी जगवीर किशोर जैन, पूर्व एमएलसी इन्द्रासन सिंह, महामंत्री ध्रुव मित्र शास्त्री, आय-व्यय निरीक्षक उपाध्यक्ष रामेश्वर उपाध्याय, उत्तम कुमार शर्मा, धर्मवीर सिंह, प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र, हेम राज सिंह गौर, नरेन्द्र कुमार वर्मा, श्री कृष्ण यादव, लखनऊ के जिलाध्यक्ष डा. आरके त्रिवेदी सहित प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

    यूपी बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू

    लखनऊ। प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के बाद अब बिना किसी बाधा के यूपी बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से पुख्ता तैयारी की गयी है। यह मूल्यांकन 18 मार्च से शुरू हो गया है । माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 258 मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य 1 अप्रैल तक चलेगा।

    इस दौरान हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके लिए 89,698 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। वहीं इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 54,235 परीक्षक लगाये गये हैं। इस प्रकार कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 1,43,933 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन हो सके। इसके लिए इस बार पहली बार मूल्यांकन में लगाये गये जाने वाले परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उनके उपनियंत्रकों का प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर आडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से कराया गया है।

     

    एकेटीयू के विषम सेमेस्टर के द्वितीय चरण की परीक्षा आज से शुरू

    लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के सत्र 2022-23 की विषम सेमेस्टर के द्वितीय चरण की स्नातक एवं परास्नातक परीक्षा 18 मार्च से शुरू हो गयी। जो 6 अप्रैल तक चलेगी। परीक्षा में दो लाख 40 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश में 128 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। यह परीक्षा प्रदेश के 43 जिलों में आयोजित होगी। दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गयी है। शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए हर केंद्र पर विश्वविद्यालय की ओर से आब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं।

    एकेटीयू के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के निर्देशन में परीक्षा की शुचिता को बनाये रखने के लिए हर सेंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। परीक्षा के दौरान केंद्रों पर विश्वविद्यालय से नजर रखा जाएगा। ताकि परीक्षा के दौरान नकल न होने पाये। परीक्षा की शुचिता को बनाये रखने के लिए हर केंद्र पर आब्जर्वर की तैनाती की गयी है। परीक्षा के दौरान आब्जर्वर केंद्र पर रहेंगे।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रचा इतिहास

    सीएम योगी अपने पहले और दूसरे कार्यकाल के 72 महीनों में 100 बार बाबा विश्वनाथ के धाम पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री

    वाराणसी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज (शनिवार) सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन व पूजन कर इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 100वीं बार दर्शन करने वाले पहले मुख्यमंत्री भी बन गये हैं। आप को बताते चलें कि 2017 में प्रदेश की कमान संभालने वाले योगी आदित्यनाथ जब भी काशी आते हैं, लगभग हर बार बाबा विश्वनाथ के दरबार में माथा जरूर टेक कर जाते है। योगी मंदिर में षोडषोपचार विधि से दर्शन पूजन कर लोक कल्याण की कामना करते हैं।

    वर्ष 2017 से अभी तक अपने पहले और दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी आदित्यनाथ 100 बार बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गये हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को 113वीं बार वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर आये। दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन किया है, जिसने नया कीर्तिमान बनाया है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महीने में एक बार या कभी-कभी दो बार काशी की यात्रा जरूर करते हैं। अपने हर दौरे में मुख्यमंत्री विकास कार्यो की समीक्षा और स्थलीय निरीक्षण करते हैं। जिसका परिणाम वाराणसी के चतुर्दिक विकास के रूप में दिखता है। वहीं 6 साल के हिसाब से देखें तो सीएम योगी औसतन हर 21 दिन पर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं। सीएम योगी अपने पहले और दूसरे कार्यकाल के 72 महीनों में 100 बार बाबा विश्वनाथ के धाम पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गये हैं। पहली बार उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ 2017 से मार्च 2022 तक कुल 74 बार भगवान विशेश्वर से भी आशीर्वाद लेने पहुंच गए थे।

     

    हाकी : यूपी हॉस्टल, इण्डियन ऑयल, पीएसबी व सीआरपीएफ सेमीफाइनल में

    लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर स्थित पूर्व ओलम्पियन पद्मश्री मोहम्मद शाहिद एस्ट्रोटर्फ हाकी स्टडियम में खेली जा रही 40वीं ऑल इण्डिया केडी सिंह बाबू प्राइजमनी हाकी टूर्नामेंट के अंतिम लीग मैचों में कम्बाइंड यूपी हॉस्टल ने टाटा को 6-1 गोल और सीआरपीएफ ने उत्तर प्रदेश एकादश को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 3-2 गोल से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। शनिवार को विश्राम के बाद रविवार को पहला सेमीफाइनल मैच इण्डियन ऑयल बनाम कम्बाइंड यूपी स्पोट्र्स हॉस्टल के बीच और दूसरा सेमीफाइनल मैच पीएसबी और सीआरपीएफ के बीच खेला जायेगा।

    लीग का पहला मुकाबला यूपी एकादश और सीआरपीएफ के बीच खेला गया। सीआरपीएफ ने खेल के शुरूआती दौर से मेजबान यूपी एकादश पर न सिर्फ दबाव बनाया बल्कि उनके खेल पर विराम भी लगाया। नतीजे में मेजबान टीम को सीआरपीएफ से 2-3 गोल से हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि यूपी ने खेल के अंतिम क्षणों में दो गोल दागने में सफलता जरूर हासिल की। सीआरपीएफ की ओर से लवजीत सिंह ने 18वें मिनट में मैदानी गोल दागर टीम का खाता खोलते हुए स्कोर 1-0 कर दिया। इसके ठीक दो मिनट बाद 20वें मिनट में सीआरपीएफ के मोहम्मद वसी उल्लाह खान ने मैदानी गोल से टीम का स्कोर 2- पहुंचाया तो प्रतिद्वंद्वी टीम कमजोर साबति होने लगी। इसी क्रम में खेल के 32वें मिनट में सीआरपीएफ की ओर से लवजीत सिंह ने टीम के खाते में दूसरा मैदानी गोल दगाकर टीम का स्कोर 3-0 कर दिया।

    शेष समय में यूपी एकादश ने अपने खेल को संभाला और साथ ही आक्रमकता को अपनाया। इसका फायदा उठाते हुए खेल के 51वें मिनट में शाहरुख अली ने साथी खिलाड़ी के पास पर मैदानी गोल दागा और टीम का स्कोर 1-3 कर दिया। वहीं खेल के अंतिम क्षणों में यूपी की ओर से 59वें मिनट में केतन कुशवाहा ने मैदानी गोल से टीम का स्कोर 2-3 कर दिया जो कि खेल के अंत तक यही स्कोर बरकरार रहा ऐसे में यूपी एकादश को 2-3 गोल की हार से टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।

     

    UP Transport Corporation ने दो ARM को किया निलंबित (Suspended)

    UP Transport Corporation ने दो ARM को किया निलंबित (Suspended)

    लखनऊ । उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार (Managing Director of UP Transport Corporation two arm suspended ) ने राजेश कुमार-111. प्रभारी सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, फजलगंज / माती डिपो (Fazalganj / Mati Depot) को जिनके विरुद्ध अपने मूल कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन न करने एवं शिथिलता बरतने, स्वेच्छाचारिता पूर्वक कार्य करने, डिपो में भ्रष्टाचार को बढ़ावा / संरक्षण देने एवं माती डिपो की वाहन संख्या यू०पी० 77एन 2313 में कुल 15 यात्री यात्रारत थे, जिसमें से 14 यात्री लखनऊ से कानपुर एवं 01 यात्री लखनऊ से उन्नाव के लिए कुल 15 बिना टिकट पकड़े जाने खराब ईटीएम मशीन निर्गत कराये जाने

    फजलगंज डिपो का लोड फैक्टर एवं कैश कलेक्शन कम प्राप्त किये जाने, अपने अधीनस्थ मागों की समुचित चेकिंग न करने/ कराये जाने, चालकों/परिचालकों से निर्धारित मानक से कम संचालन कराये जाने, निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाने, डिपो में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने एवं भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने उच्चाधिकारियों / मुख्यालय के निर्देशों / आदेशों की अवहेलना करने, अपने कर्तव्यों / निगम के प्रति निष्ठावान न रहने,आदि गंभीर आरोपों के संबंध में अनुशासनिक कार्यवाही प्रख्यापित करते हुये तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।

    Two ARMs suspended.

    एक अन्य प्रकरण में श्री अजय कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, उप्र परिवहन निगम, विन्ध्यनगर डिपो, वाराणसी क्षेत्र जिनके विरुद्ध, अपने दायित्वों / कर्तव्यों के प्रति घोर उदासीनता बरतने परिचालकों के साथ दुरभिसन्धि कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने आदि गम्भीर आरोपों के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही प्रख्यापित करते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।

     

    consumer protection and distribution अब उपभोक्ता मामले विभाग

    (उपभोक्ता संरक्षण बांट- माप विभाग consumer protection and distribution to Department of consumer Affairs अब उपभोक्ता मामले विभाग)

    लखनऊ।  प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट-माप विभाग का नाम परिवर्तन (Change name of Consumer)  हो गया है। उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट- माप विभाग अब (उपभोक्ता Consumer मामले विभाग) नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के समान ही उपभोक्ता मामले विभाग किया गया है। उन्होने बताया कि शासन द्वारा इस संबंध में कार्यालय ज्ञाप जारी कर दिया गया है जिसके अंतर्गत तात्कालिक प्रभाव से उत्तर प्रदेश सचिवालय के अनुभागो के मध्य कार्य बंटवारा नियमावली 1975 इस सीमा तक संशोधित समझी जाएगी।

    उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट- माप विभाग का नाम परिवर्तन हो गया है। उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट- माप विभाग अब “उपभोक्ता मामले विभाग” नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार (Indian government) के समान ही उपभोक्ता मामले विभाग किया गया है।

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    consumer protection and distribution अब उपभोक्ता मामले विभाग

     

    (Department of Consumer Affairs)

    नई दिल्‍ली से वाराणसी वंदे भारत Vande Bharat Train सप्‍ताह में 6 दिन चलेगी

    Vande Bharat

    नई दिल्‍ली से वाराणसी वंदे भारत Vande Bharat Train सप्‍ताह में 6 दिन चलेगी

    लखनऊ । भारत की पहली सेमी हाई स्‍पीड वाराणसी वंदे भारत एक्‍सप्रेस Vande Bharat Express यात्रियों की सुविधाओं को ध्‍यान में रखते हुए उत्‍तर रेलवे ने उसके फेरो को बढ़ा दिया है। जिसे सोमवार के दिन के साथ सप्‍ताह में 6 दिन Vande Bharat Train चलाने का निर्णय लिया गया है।अब Vande Bharat train (बृहस्‍पतिवार को छोड़कर) प्रत्येक रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को चलेगी। जिससे उत्‍तर प्रदेश और नई दिल्‍ली की स्‍थानीय अर्थव्‍यवस्‍था और पर्यटन क्षेत्रों में बढ़ोतरी होगी।

    प्रत्‍येक रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को 20 मार्च से चलेगी

    रेलगाड़ी वंदे भारत नए युग का एक तकनीकी चमत्‍कार है । जिसे यात्रियों को अद्वितीय गति और आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए निर्मित किया गया है । इंटीग्रल कोच फैक्‍ट्री, चैन्‍नई द्वारा बनाई गई यह रेलगाड़ी भारतीय इंजनियरिंग की उत्‍कृष्‍टता का प्रतीक है । यह रेलगाड़ी विश्‍वस्‍तरीय मानकों के अनुरूप कई तकनीकी नवाचारों और आधुनिक यात्री सुविधाओं से सुसज्‍जित है।

    भारत की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी

     वंदे भारत रेलगाडियां यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय रही हैं । यह भारत की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी है । इसकी अधिकतम गतिसीमा 180 किलोमीटर प्रति घण्‍टा है। जबकि इसकी परिचालनिक गति 130 किलोमीटर प्रति घण्‍टा है ।

    वंदे भारत एक्‍सप्रेस एक नजर में

    • स्‍वदेशी स्‍तर पर निर्मित, सैमी हाईस्‍पीड सेल्‍फ प्रोपेल्‍ड ट्रेन सेट
    • 16 कुर्सीयान कोच
    • 50% पावर्ड एक्सल (हर वैकल्पिक कोच पावर्ड)
    • स्‍टेनलेस स्‍टील कार बॉडी
    • 140 सैकेंड में 160 किलोमीटर प्रति घण्‍टा तक पहुंचने की क्षमता
    • 3.5(राईडिंग इंडेक्‍स) पर यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा सेवा
    • स्लाईडिंग फुट स्टैप के साथ स्वचालित दरवाजे
    • एग्‍जिक्‍यूटिव श्रेणी में 180 डिग्री तक घूमने की क्षमता वाली मॉड्यूलर सीटें
    • वातानुकूलन, कम्‍यूनिकेशन और कंट्रोल सेंटर/अनुरक्षण कर्मचारियों के फीडबैक के लिए जीएसएम/जीपीआरएस के जरिए निगरानी के लिए कोच कंट्रोल मेनेजमेंट सिस्‍टम
    • हीट वेंटिलेशन और रोगाणुमुक्‍त हवा की आपूर्ति के लिए अल्‍ट्रावॉयलेट लैम्‍पों वाली वातानुकूलन प्रणाली
    • वातानुकूलित हवा के ध्‍वनिरहित और समान वितरण के लिए विशेष एयरकंडीशनिंग डक्‍ट
    • दिव्‍यांग यात्रियों के लिए विशेष प्रकार के शौचालय
    • यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट के लिए प्रत्‍येक डिब्‍बे में 32” की स्क्रीन
    • बेहतर ट्रेन नियंत्रण प्रबंधन के लिए लेवल-2 का सेफ्टी इंटीग्रेशन प्रमाणन
    • कवच (टक्‍कर रोधी प्रणाली)
    • प्रत्‍येक कोच में इमरजेंसी लाइटें
    • कोच के बाहर रियर व्‍यू केमरों सहित चार प्‍लेटफॉर्म साइड केमरे
    • सभी कोचों में एस्‍पिरेशन आधारित फायर डिटेक्‍शन एण्‍ड सप्रैशन सिस्‍टम वाले बेहतर अग्‍निशमन सुरक्षा उपाय
    • प्रत्‍येक डिब्‍बे में चार आपातकालीन खिड़कियां
    • आपातकालीन टॉक-बैक यूनिटें
    • वॉइस रिकॉर्डिंग वाला ड्राईवर-गार्ड कम्‍यूनिकेशन
    • अंडर-स्‍लंग विद्युत उपकरणों के लिए बेहतर फ्लड प्रुफिंग जो 650 मिलीमीटर की ऊंचाई तक बाढ़ का सामना कर सके
    • पूर्णतया सील्‍ड गैंग-वे
    • खूबियों में सुधार

    पुलिस पर फायरिंग करने वाले पशु तस्कर को STF टीम ने गिरफ्तार किया

    पुलिस पर फायरिंग करने वाले पशु तस्कर cattle smugglers को STF टीम ने गिरफ्तार किया

    लखनऊ। पुलिस पर फायरिंग करने वाले पशु तस्कर (cattle smugglers)को STF (Special Task Force) ने गिरफ्तार किया है। जिसके ऊपर 50 हजार रुपये का ईनाम घोषित था। निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि रात्रि में चेंकिग के दौरान जब एक पिकप गाड़ी को रोकने का प्रयास किया गया तो उसमें सवार लोगों ने अचानक अन्धा धुंध फायरिंग करने लगा। बदमाशों ने पीआरवी के अन्दर रखा मोबाइल और रुपये डैसबोर्ड से लूटकर गाली गलौज देते हुए पिकअप लेकर भाग गये। आरोपी मोनू उर्फ वाहिद रजा निवासी ग्राम लाला गुरवलिया, पोस्ट गुरवलिया, थाना तुर्कपट्टी, जनपद कुशीनगर, जनपद गोरखपुर के सरैंया बाजार से लगभग 100 मीटर पहले थानाक्षेत्र गुलरिहा में आने वाला है। जिस पर घेराबंदी करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

    STF (Special Task Force)

    पूछताछ में बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर चिलुआताल, गुलरिहा, शाहपुर, कैण्ट, खोराबार, रामगढ़ताल, तिवारीपुर, पिपराईच, राजघाट जनपद गोरखपुर एवं जनपद कुषीनगर में घुमन्तु पशुओं को उठाकर (विशेषतया गौवंश को) तस्करी का काम करता है। अपने वाहन से जान से मारने की नियत से उनके वाहन में टक्कर मारकर एवं अपने साथियों के साथ मिलकर यह लोग पत्थरबाजी भी करते है तथा कभी-कभी पुलिस टीम पर गोली भी चलाते हैं। STF (Special Task Force)  इसके अन्य घटनाओं के सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही है।

    3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे 1.44 लाख परीक्षक

    योगी सरकार ने त्रुटिरहित मूल्यांकन का रखा लक्ष्य

    लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के बाद अब बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से पुख्ता तैयारी की गई है।

    258 केंद्रों पर होगा मूल्यांकन कार्य

    माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश में कुल 258 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य एक अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके लिए 89,698 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है। वहीं इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 54,235 परीक्षक लगाए गए हैं। इस प्रकार कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 1,43,933 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं।

    परीक्षकों को किया गया प्रशिक्षित

    उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं का त्रुटिरहित निरपेक्ष मूल्यांकन हो सके इसके लिए इस बार पहली बार मूल्यांकन में लगाए गए जाने वाले परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उनके उपनियंत्रकों का प्रशिक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से कराया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ में 12 मार्च को, बरेली में 13 मार्च को, गोरखपुर में 14 मार्च को, प्रयागराज में 15 मार्च को और वाराणसी में 16 मार्च को प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है। मूल्यांकन केंद्रों के उपनियंत्रक या प्रधानाचार्य क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रशिक्षण लेने के बाद अपने-अपने मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन प्रारंभ होने से पहले उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए नियुक्त परीक्षकों एवं उपप्रधान परीक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।

    सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था

    सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि मूल्यांकन केंद्रों पर शुचितापूर्ण मूल्यांकन के लिए प्रत्येक मूल्यांकन केंद्र पर एक-एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया है। साथ ही, प्रत्येक जनपद में स्थित सभी मूल्यांकन केंद्रों के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के डायट प्राचार्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यही नहीं, मूल्यांकन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों के चारों ओर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही मूल्यांकन अवधि तक कम से कम चार सशस्त्र पुलिस गार्ड की भी तैनाती कराए जाने तथा स्थानीय अभिसूचना इकाइ/पुलिस कर्मियों की सादी वर्दी में तैनाती कराए जाने की व्यवस्था की गई है।

    सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी

    जिस तरह इस बार बोर्ड परीक्षाओं को वायस रिकॉर्डर वाले सीसीटीवी कैमरों के अधीन कराया गया था, उसी तरह मूल्यांकन कार्य की भी निगरानी किए जाने का प्रावधान किया गया है। सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार मूल्यांकन कार्य अनिवार्य रूप से वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी की निगरानी में होगा। मूल्यांकन की समुचित निगरानी के लिए सभी केंद्रों की जनपद और राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से लगातार मॉनीटरिंग कराए जाने की भी व्यवस्था की गई है।

    बाजरे की खेती से होगी किसानों की बल्ले-बल्ले

    बाजरा आधारित उत्पादों पर 2026-27 तक 800 करोड़ खर्च करेगा केंद्र

    लखनऊ। बाजरे की खेती करने वाले किसानों की अब बल्ले-बल्ले होने वाली है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय 2026 से 2027 के दौरान बाजरे पर आधारित उत्पादों के प्रोत्साहन पर 800 करोड़ रुपये खर्च करेगा। ये उत्पाद रेडी टू ईट और रेडी टू सर्व दोनों रूपों में होंगे।

    विदेशी मुद्रा भी लाएगा अपना बाजरा

    बाजरा सहित अन्य मोटे अनाजों के निर्यात पर भी सरकार का फोकस है। खाद्यान्न उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा)  ने उन 30 देशों को चिन्हित किया है, जिनमें निर्यात की अच्छी संभावनाएं हैं। उल्लेखनीय है कि देश के उत्पादन का करीब 20 फीसदी बाजरा उत्तर प्रदेश में होता है। प्रति हेक्टेयर प्रति किग्रा उत्पादन देश के औसत से अधिक होने के कारण इसकी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। लिहाजा प्रसंस्करण के जरिये इसके निर्यात और इससे मिलने वाली विदेशी मुद्रा की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

    गेहूं, धान, गन्ने के बाद प्रदेश की चौथी फसल है बाजरा

    गेहूं, धान और गन्ने के बाद बाजरा उत्तर प्रदेश की चौथी प्रमुख फसल है। खाद्यान्न एवं चारे के रूप में प्रयुक्त होने के नाते यह बहुपयोगी भी है। पोषक तत्वों के लिहाज से इसकी अन्य किसी अनाज से तुलना ही नहीं है, इसलिए इसे “चमत्कारिक अनाज”, “न्यूट्रिया मिलेट्स”, “न्यूट्रिया सीरियल्स” भी कहा जाता है।

    हर तरह की भूमि में ले सकते हैं फसल

    इसकी खेती हर तरह की भूमि में संभव है। न्यूनतम पानी की जरूरत, 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी परागण, मात्र 60 महीने में तैयार होना और लंबे समय तक भंडारण योग्य होना इसकी अन्य खूबियां हैं। चूंकि इसके दाने छोटे एवं कठोर होते हैं, ऐसे में उचित भंडारण से यह दो साल या इससे अधिक समय तक सुरक्षित रह सकता है। इसकी खेती में उर्वरक बहुत कम मात्रा में लगता है। साथ ही भंडारण में भी किसी रसायन की जरूरत नहीं पड़ती। लिहाजा यह लगभग बिना लागत वाली खेती है।

    पोषक तत्वों का खजाना है बाजरा

    बाजरा पोषक तत्वों का खजाना है। खेतीबाड़ी और मौसम के प्रति सटीक भविष्यवाणी करने वाले कवि घाघ भी बाजरे की खूबियों के मुरीद थे। अपने दोहे में उन्होंने कहा है, “उठ के बजरा या हँसि बोले। खाये बूढ़ा जुवा हो जाय”। बाजरे में गेहूं और चावल की तुलना में 3 से 5 गुना पोषक तत्व होते हैं।
    इसमें ज्यादा खनिज, विटामिन, खाने के लिए रेशे और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं। लसलसापन नहीं होता। इससे अम्ल नहीं बन पाता। लिहाजा सुपाच्य होता है। इसमें उपलब्ध ग्लूकोज धीरे-धीरे निकलता है।
    लिहाजा यह मधुमेह (डायबिटीज) पीड़ितों के लिए भी मुफीद है। बाजरे में लोहा, कैल्शियम, जस्ता, मैग्निशियम और पोटाशियम जैसे तत्व भरपूर मात्रा मे होते हैं। साथ ही काफी मात्रा में जरूरी फाइबर (रेशा) मिलता है। इसमें कैरोटिन, नियासिन, विटामिन बी6 और फोलिक एसिड आदि विटामिन मिलते हैं। इसमें उपलब्ध लेसीथीन शरीर के स्नायुतंत्र को मजबूत बनाता है।
    यही नहीं बाजरे में पोलिफेनोल्स, टेनिल्स, फाइटोस्टेरोल्स तथा एंटीऑक्सिडैन्टस प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। यही वजह है कि सरकार ने इसे न्यूट्री सीरियल्स घटक की फसलों में शामिल किया है। अपने पोषण संबंधित इन खूबियों की वजह से बाजरा कुपोषण के खिलाफ जंग में एक प्रभावी हथियार साबित हो सकता है।

    बिना लागत की खेती

    बाजरे की खेती में उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती। इसकी फसल में कीड़े-मकोड़े नहीं लगते। अधिकांश बाजरे की किस्में भंडारण में आसान हैं। साथ ही इसके भंडारण के लिए कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती। इसी तरह नाम मात्र का पानी लगने से सिंचाई में लगने वाले श्रम एवं संसाधन की भी बचत होती है।

     यूएनओ ने 2023 को घोषित किया ईयर ऑफ मिलेट

     भारत के ही प्रस्ताव पर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बढ़ते शहरीकरण एवं औद्योगिकीकरण, बढ़ती आबादी की आवासीय जरूरतों, सड़क, बांध, एयरपोर्ट आदि के लिए जमीन की जरूरत पड़नी ही है। लिहाजा जमीन का रकबा लगातार घटना है। ऊपर से मौसम की अप्रत्याशिता। आने वाले समय में खाद्यान्न एवं पोषण सुरक्षा के साथ क्लाइमेट चेंज के प्रति संवेदनशील धान एवं गेहूं जैसी परंपरागत फसलों के लिए भी गंभीर चैलेंज है। इसका समाधान कम लागत, कम पानी में होने वाले बाजरे जैसे मोटे अनाज ही हैं।

    प्रसंस्करण की काफी संभावनाएं

    बाजरे से चपातियां, ब्रेड, लड्डू, पास्ता, बिस्कुट,  प्रोबायोटिक पेय पदार्थ बनाए जाते हैं। छिलका उतारने के बाद इसका प्रयोग चावल की तरह किया जा सकता है। इसके आटे को बेसन में मिलाकर इडली, डोसा, उत्पम, नूडल्स आदि बनाया जा सकता है।

    पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर सीएम ने दी श्रद्धांजलि

    लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुण्यतिथि पर उन्हें प्रदेश सरकार और प्रदेश वासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित किया।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस ने इस देश में लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की तब हेमवती नंदन बहुगुणा को मतभेद के चलते मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। इसके बावजूद बहुगुणा जी ने कभी भी अपने मूल्यों और आदर्शों को नहीं छोड़ा।
    सीएम योगी ने बताया कि स्वर्गीय बहुगुणा का जन्म आज के उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में हुआ था। बचपन की शिक्षा गांव में प्राप्त करने के उपरांत आगे की पढ़ाई के लिए वे प्रयागराज आए। उच्च शिक्षा के दौरान ही देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ गये। भारत छोड़ो आंदोलन और अन्य आंदोलनों में उन्होंने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। स्वतंत्र भारत में अनेक सामाजिक, राजनीतिक गतिविधियों के साथ जुड़ते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपना योग्य और तेजस्वी नेतृत्व दिया।
    श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य, वित्तमंत्री सुरेश खन्ना और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र मौजूद रहे।

    झटका : लखनऊ सुपर जायंट्स को शुरू में नहीं मिलेगा क्विंटन डिकॉक का साथ  

    साउथ अफ़्रीका। दक्षिण अफ्रीका के स्टार खिलाड़ी कगिसो रबाडा, अनरिख़ नॉर्खिए, डेविड मिलर और एडन मारक्रम सहित सभी खिलाड़ी तीन अप्रैल से भारत में  होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए अपनी-अपनी फ्रेंचीजी टीमों से जुड़ेंगे। जानकारी के अनुसार क्रिकेट दक्षिण अफ़्रीका (सीएसए) ने बीसीसीआई को सूचित किया कि वह चाहता है कि उनके टीम के सभी प्रमुख खिलाड़ी मार्च के अंत में नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ शुरू होने वाली दो मैचों की घरेलू वनडे सीरीज़ के लिए उपलब्ध रहें।

    दक्षिण अफ्रीका ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि वनडे विश्व कप में सीधे क्वालीफ़ाई करने के लिए साउथ अफ़्रीका को श्रृंखला में नीदरलैंड्स को हराना होगा। नीदरलैंड्स ने इस सप्ताह ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ होने वाली सीरीज़ के लिए एक मज़बूत टीम की घोषणा की है। उस सीरीज़ के बाद नीदरलैंड्स की टीम साउथ अफ़्रीका के साथ भिड़ेगी। ये दोनों सीरीज़ वनडे सुपर लीग का हिस्सा होंगे।

    दक्षिण अफ्रीका के इस फ़ैसले से आईपीएल की 10 में से छह टीमें प्रभावित होंगी। सनराइज़र्स हैदराबाद (मारक्रम, हेनरिक क्लासेन, मार्को यानसन), दिल्ली कैपिटल्स (नॉर्खिए, लुंगी एनगिडी), मुंबई इंडियंस (ट्रिस्टन स्टब्स, संभवतः डेवाल्ड ब्रेविस), मौजूदा चैंपियन गुजरात टाइटंस (मिलर), लखनऊ सुपर जायंट्स (क्विंटन डिकॉक), पंजाब किंग्स (रबाडा) के पास साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी हैं।

    पिछले दिसंबर में आईपीएल नीलामी से एक दिन पहले, बीसीसीआई ने विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता पर सभी फ्रेंचाइज़ी को एक नोट में सूचित किया था कि अनुबंधित साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी आईपीएल के उद्घाटन से दो दिन पहले 29 मार्च से उपलब्ध होंगे।

    आरसीबी को लगा झटका, विल जैक्स चोट के कारण आईपीएल से हुए बाहर

    नयी दिल्ली। इंग्लैंड के विल जैक्स चोट के कारण आईपीएल के आगामी सीज़न से बाहर हो गए हैं। जैक्स को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने दिसंबर में हुई नीलामी में 3.2 करोड़ रुपए में ख़रीदा था। वह मध्यक्रम में ग्लेन मैक्सवेल के कवर के तौर पर रहते। लेकिन बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दूसरे वनडे में फ़ील्डिंग के दौरान उनकी मांसपेशियां चोटिल हो गई थीं।

    इस सप्ताह के शुरुआत में हुए स्कैन और विशेषज्ञ से परामर्श लेने के बाद उन्हें आईपीएल से बाहर होने को मजबूर होना पड़ा।  यह चोट जैक्स के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में खेलकर भारतीय परिस्थितियों से परिचित होने और इस साल के अंत में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए, इंग्लैंड की टीम में चयन के लिए अपना अपना नाम आगे बढ़ाने की उम्मीद की थी। आरसीबी, जैक्स के संभावित रिप्लेसमेंट के तौर पर न्यूज़ीलैंड के ऑलराउंडर माइकल ब्रेसवेल के साथ बीतचीत कर रहा है। ब्रेसवेल इससे पहले कभी भी आईपीएल में नहीं खेले हैं।

    पिछले साल दिसंबर में हुई नीलामी के लिए उन्होंने अपना आधार मू्ल्य 1 करोड़ रुपए रखा था, लेकिन उन्हें कोई ख़रीदार नहीं मिला। आरसीबी आगामी सीज़न का अपना पहला मैच 2 अप्रैल को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलेगा। यह मई 2019 के बाद अपने घरेलू मैदान पर उनका पहला मैच होगा। जैक्स के अलावा इंग्लैंड के एक और खिलाड़ी रीस टॉप्ली को भी आरसीबी ने ख़रीदा था। बांग्लादेश के सीमित ओवरों के दौरे पर वह हल्की चोट के कारण बेंच पर ही रहे थे। आईपीएल सीज़न शुरू होने से पहले उनके फ़िट होने की उम्मीद है। जैक्स ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया है। उन्होंने पाकिस्तान में टी20 अंतर्राष्ट्रीय और टेस्ट डेब्यू किया और इसके बाद बांग्लादेश में अपना वनडे डेब्यू किया।

    अन्तिम संस्कार की लकड़ी को लेकर ठेकेदारों से हुआ विवाद

    लखनऊ। लखनऊ के भैंसा कुंड शमशान घाट समेत नगर निगम की ओर से संचालित गुललाला घाट व आलमबाग स्थित घाट पर शवों के लिए जलाव लकड़ी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भैसाकुण्ड घाट पर नगर निगम प्रशासन की ओर से लकड़ी के लिए निधार्रित धनराशि पर लकड़ी ठेकेदारो ने लकड़ी देने से मना कर दिया है । ठेकेदार ने नगर निगम प्रशासन के निर्धारित दर 550 रुपये के स्थान पर 750 रुपये दर निर्धारित किये जाने की मांग की है।

    शवों के लिए जलाव लकड़ी सप्लाई न होने से अन्तिम संस्कार करने पहुँच रहे लोगो को काफी दूर से लकड़ी लाने का इन्तजाम करना पड़ रहा है जिससे लोगो को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अधिक दर चुकाने वालों को ही लकड़ी ठेकेदार लकड़ी देर रहे है जिससे लोगो को अतिरिक्त धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। भाजपा पार्षद रेखा रौशनी व पूर्व पार्षद रंजीत सिंह ने नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह को पत्र लिख मामले की शिकायत कर मामले के निस्तारण की मांग की है।

    पूर्व पार्षद रंजीत सिंह का कहना है कि नगर निगम प्रशासन की ओर से लकड़ी की जो दरें नगर निगम सदन से लागू की गयी थी वह काफी वर्ष पूर्व की दरें हैं जो वर्तमान में काफी मंहगी हो गयी हैं। आरोप है कि 600 से 650 रुपये के अनुसार लकड़ी मिलने पर लकड़ी ठेकेदार उक्त दर को 750 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिहं ने जल्द ही समस्या निस्तारण का आश्वासन दिया है ।